सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में मर्ज होगा या नहीं, सरकार का आया लिखित जवाब DA Merger Latest update

By Meera Sharma

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DA Merger Latest update

DA Merger Latest update: महंगाई भत्ते का बेसिक सैलरी में विलय एक ऐसा मुद्दा है जिसपर लगभग एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से नज़र रखे हुए हैं। हाल ही में सरकार की ओर से इस संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले महंगाई भत्ते का बेसिक वेतन में विलय नहीं किया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनके वित्तीय भविष्य पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

महंगाई भत्ता और इसका महत्व

महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रदान किए जाने वाले महत्वपूर्ण भत्ते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़ती महंगाई के बीच आर्थिक सहायता प्रदान करना है। सरकार साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में, महंगाई भत्ते की दरों में संशोधन करती है। यह संशोधन अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-W) के आधार पर किया जाता है, जिसे श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किया जाता है। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों और पेंशनरों की क्रय शक्ति बढ़ती महंगाई के बावजूद बनी रहे।

वर्तमान स्थिति और नियम

वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ मिल रहा है। नियमानुसार, जब महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 50 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो इसे न्यूनतम बेसिक सैलरी और पेंशन में जोड़ दिया जाता है। इसी नियम के आधार पर कई कर्मचारियों और पेंशनरों को आशा थी कि सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में विलय कर देगी। परंतु, सरकार के हालिया बयान से स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

राज्यसभा में उठा सवाल और सरकार का जवाब

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने सरकार से पूछा था कि क्या वह 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से पहले महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में विलय करने पर विचार कर रही है। इस सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित रूप से स्पष्ट किया कि सरकार ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों को नियमित रूप से संशोधित किया जाता है ताकि कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई से राहत मिल सके।

महंगाई भत्ते का उद्देश्य

वित्त राज्य मंत्री ने अपने जवाब में महंगाई भत्ते के उद्देश्य को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई के प्रभाव से बचाना है। यह भत्ता उन्हें अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने में मदद करता है और उनकी बेसिक सैलरी और पेंशन की क्रय शक्ति को बनाए रखता है। इस तरह, महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों के वित्तीय स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

सातवें वेतन आयोग और डीए में बढ़ोतरी

वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत सैलरी और भत्तों का लाभ मिल रहा है। सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें 2016 से लागू हैं। इस वेतन आयोग के अंतर्गत अब तक महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों में 15 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। यह दर्शाता है कि सरकार समय-समय पर महंगाई के आधार पर इन भत्तों में संशोधन करती रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत मिलती है। ये संशोधन हर छह महीने में किए जाते हैं और AICPI-W सूचकांक पर आधारित होते हैं।

आठवां वेतन आयोग और भविष्य की संभावनाएं

सरकार आमतौर पर हर दस साल में एक नया वेतन आयोग गठित करती है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 से लागू हैं, इसलिए आठवें वेतन आयोग का गठन और उसकी सिफारिशों के लागू होने की संभावना अगले कुछ वर्षों में है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले महंगाई भत्ते का बेसिक सैलरी में विलय नहीं किया जाएगा। यह कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी है, क्योंकि इससे उनके वित्तीय नियोजन पर प्रभाव पड़ेगा।

कर्मचारियों और पेंशनरों पर प्रभाव

सरकार के इस निर्णय का सीधा प्रभाव लगभग एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों पर पड़ेगा। महंगाई भत्ते का बेसिक सैलरी में विलय होने से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में वृद्धि होती है, जिससे उनके अन्य भत्तों और पेंशन लाभों में भी बढ़ोतरी होती है। परंतु, सरकार के वर्तमान निर्णय के अनुसार, कर्मचारियों और पेंशनरों को इस लाभ के लिए आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का इंतजार करना होगा।

सरकार के इस स्पष्टीकरण से यह निश्चित हो गया है कि 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले महंगाई भत्ते का बेसिक सैलरी में विलय नहीं किया जाएगा। हालांकि, सरकार महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों में नियमित रूप से संशोधन करती रहेगी ताकि कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई से राहत मिल सके। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को अब आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का इंतजार करना होगा, जिसके अंतर्गत उनके वेतन और भत्तों में संभावित बढ़ोतरी हो सकती है। फिलहाल, एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों की नज़र सरकार के आगामी फैसलों पर टिकी हुई है।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। इसमें दी गई जानकारी सरकारी घोषणाओं और संसद में दिए गए बयानों पर आधारित है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वित्तीय निर्णय लेने से पहले सरकारी अधिसूचनाओं और आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। सरकारी नीतियों और नियमों में समय-समय पर परिवर्तन हो सकते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों का संदर्भ लें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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